चलती चक्की देख के, दिया कबीरा रोय
दो पाटन के बीच में बाकी बचा ना कोय || 61 ||
.
कबीरा सीप समुद्र की खारा जल नहीं ले
पानी पिये स्वाती का, शोभा सागर दे || 62 ||
.
___________________________________
सतगुरु मिला तो सब मिले, ना तो मिला ना कोय
मात पिता सुत बान्धवा ये तो घर घर होय || 63 ||
___________________________________
चिन्ता तो गुरु नाम की और ना चितवे दास
जो कोई चितवे नाम बिनु सोइ काल की आस || 64 ||
.
कथा हु कहत जात हूं, कहत बजाय ढोल
स्वास खाली जात है तीन लोक का मोल || 65 ||
.
___________________________________
दास बनना कठिन है मैं दासन का दास
अब तो ऐसा होय रहूं पांव तले की आस || 66 ||
.
विषय त्याग बैराग्य है, समता कहिये ज्ञान
सुखदायी सब जीव को, यही भक्ति परमान || 67 ||
.
भक्ति महल बहु ऊंच है, दूर ही से दरशाय
जो कोई जन भक्ति करे, शाभा बरनी ना जाय || 68 ||
.
कबीरा ये संसार है, जैसा सेमल फूल
दिन दस के व्यवहार में झूंठे रंग ना भूल || 69 ||
.
एक दिन ऐसा आयेगा, सबसे पडे बिछोह
राजा रानी राव रंक सवध क्यों नाही होय || 70 ||
.
जैसे भक्ति करे सबी, वैसे पूजा होय
भय पलट है जीव को, निर्भय होय ना कोय || 71 ||
.
शब्द बराबर धन नहीं जो कोई जाने बोल
हीरा तो दामों मिले, शब्द मोल ना तोल || 72 ||
.
राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट
अंतकाल पछतायेगा, जब प्राण जायेंगे छूट || 73 ||
.
नींद निशानी मौत की, उठ कबीरा जाग
और रसायन छाडी के नाम रसायन लाग || 74 ||
.